Wednesday, September 21, 2016

अपील....
हम बदलेंगे एसोसिएशन की तस्वीर – कुणाल ठाकुर

दोस्तों समय आ गया है तस्वीर बदलने का। उन लोगों को सबस सीखने का जो एसोसिएशन में सिर्फ राजनीति के लिए आते हैं। राजनीति की अंधी दौड़ में वे भूल जाते हैं कि एसोसिएशन का मकसद राजनीति करना नहीं, बल्कि सदस्यों के हक में आवाज बुलंद करना है। उन्हें शोषण से बचना है और हर समय सदस्यों की बेहतरी का ख़याल करना है। इतिहास गवाह है जब-जब सत्ता में बैठे लोगों ने अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ा है, जनता ने उन्हें धूल चटा दी है। हमारे संगठन की स्थिति भी बिलकुल ऐसी ही है। हमारा चुनाव लड़ने का मकसद सिर्फ जितना नहीं है बल्कि एक सकारात्मक बदलाव लाना है। हम अपने संगठन को उस मुकाम तक ले जाना चाहते हैं जहां फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा से बड़ा सूरमा भी हमारे किसी मेम्बर की आवाज दबा नहीं सके। हम हर उस मेम्बर की आवाज बनना चाहते हैं जो काम करने के बाद अपनी वाजिब परिश्रमिक के लिए भटक रहा है। रिटायरमेंट फंड, मेडिकल क्लेम और डेथ कंपनसेशन जैसे मुद्दों पर किए गए हमारे काम आज एसोसिएशन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक हैं। लेकिन हम यही तक सीमित नहीं रहना चाहते बस इसीलिए इस चुनाव मैदान में उतार रहे हैं। हमारे पैनल में वे कर्मठ, शिक्षित और युवा उमीदवार हैं जो हर समय, हर परिस्थिति में अपने मेंम्बरों साथ खड़े रहते हैं। साथियों आइये हम इस बदलाव का हिस्सा बनते हैं और अगामी 25 तारिक को होने वाले चुनाव में यूनाइटेड प्रोडक्शन ऑफ़ बॉलीवुड पैनल के सभी 15 सदस्यों को भारी मतों से विजय बनाते हैं क्योंकि यह सिर्फ एक चुनाव नहीं हैं यह शुरुवात है बदलाव की, जिसे हर हाल में हमें मुकाम तक पहुंचाना है। हम सब को इन 15 नामों को ध्यान में रखना है और बिना किसी बहकावे में आए इनको विजयी बनना है
( 1) प्रवीण bandolkar (2) अमित चंद्रा  (3)प्रेम सिंग ठाकुर (4) सुरिन्दर मल्होत्रा  (5) मनीष गोस्वामी  (6)आरिफ शेख (7) कुणाल ठाकुर (8) अखिलेश सिंग ( 9) कुमार जादव (10) प्रमोद शुक्ला (11) मुनीर लोने (12) अहमद खान (13) राजेंद्र  उपाध्याय (14) रवि दवंदे (15) दिव्यांग जोशी ।


  

Sunday, May 1, 2016

 - कुणाल ठाकुर 



 Kunal Thakur, Line producer  

कोई भी फिल्म किसी एक आदमी के मेहनत से नहीं बनती। एक सफल फिल्म के पीछे करीब 100 से 200लोगों की कड़ी मेहनत और लगन शामिल होती है। पर इन लोगों की मेहनत के बारे में आम लोग कभी जान नहीं पाते। फिल्म का पूरा क्रेडिट हीरो-हीरोइन तथा निर्माता-निर्देशक को ही मिलता है। यह सही है कि कोई भी फिल्म निर्माता के पैसेनिर्देशक की सोच,लेखक की स्क्रिप्ट और आर्टिस्ट के अभिनय के बिना नहीं बनती पर इन लोगों के अलावा फिल्म को सही मुकाम पर पहुंचाने के लिए सैकड़ों लोग काम करते हैं,जिन्हें कभी नाम या पहचान नहीं मिलती। हिन्दी फिल्म और टीवी जगत में कई मशहूर फिल्मों और सीरियलों के लिए प्रोडक्शन कर चुके कुणाल ठाकुर भी इस बात से सहमति जताते हैं। कुणाल का कहना है कि फिल्म निर्माण में प्रोडक्शन की भूमिका सबसे अहम होती है। हमारे लिए फिल्म बेटी की शादी की तरह होती है। जिसमें कोई भी कमी नहीं होनी चाहिए। कुणाल का मानना है कि दूसरी विधाओं की तरह प्रोडक्शन मैनेजमेंट भी एक कला है। इसी की बुनियाद पर एक अच्छी फिल्म का भविष्य टीका होता है पर अफसोस हमारी मेहनत कभी सामने ही नहीं आती।